100 साल तक मिलेगा 80 हजार सालाना, LIC की इस पॉलिसी में देना होगा बस 86 रुपये रोजाना !

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100 साल तक मिलेगा 80 हजार सालाना, LIC की इस पॉलिसी में देना होगा बस 86 रुपये रोजाना !!

 

जानें, क्या है एलआईसी की जीवन उमंग पॉलिसी और इसके लाभ

एलआईसी यानि लाइफ इंशोरेंस कंपनी ने देश के लोगों के सुरक्षित भविष्य को लेकर बहुत सी पॉलिसी चला रखी हैं। इसी क्रम में एलआईसी की जीवन उमंग पॉलिसी है। इसमें निवेश करके आप अपने भविष्य को सुरक्षित और परिवार के सुनहरे भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। इस पॉलिसी की खास बात ये हैं कि इसमें आप 2582 रुपए का निवेश करके 99 लाख रुपए तक का रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। किसान परिवार भी एलआईसी की जीवन उमंग पॉलिसी का फायदा उठा सकता है। तो आइए जानते हैं कि क्या है LIC की खास स्कीम जीवन उमंग पॉलिसी और इससे कैसे मिलेगा आपको और परिवार को लाभ।

क्या है LIC जीवन उमंग पॉलिसी

LIC जीवन उमंग पॉलिसी एक संपूर्ण जीवन बीमा योजना है। कोई भी व्यक्ति इस पॉलिसी को 100 वर्षों के लिए ले सकता हैं। ये पॉलिसी उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है, जो पॉलिसी के साथ-साथ पेंशन लेना चाहते हैं और अपनी मृत्यु के बाद एक बड़ी राशि अपने परिवार जनों के लिए छोडऩा चाहते हैं। यदि आप एलआईसी की जीवन उमंग पॉलिसी को 2582 रुपए महीने के प्रीमियम पर 30 साल के लिए लेते हैं, तो आपकी ये राशि 99 लाख रुपए हो जाएगी। आपकी मृत्यु के बाद इस राशि को आपके परिवार को सौंप दिया जाएगा। यह एक लिमिटेड पेमेंट प्रीमियम प्लान है। इस स्कीम की परिपक्वता आयु आपके निकटतम जन्मदिन के साथ 100 साल है।

जीवन उमंग पॉलिसी ((Lic Jeevan Umang Policy)) की विशेषताएं/लाभ

जीवन उमंग पॉलिसी में जीवन बीमा की सुविधा है, साथ ही मनी बैक की भी सुविधा भी है।
अगर पॉलिसी लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु मैच्योरिटी डेट से पहले हो जाती है, तो उसके परिवार को डेथ बेनिफिट मिलता है।
वहीं, अगर पॉलिसी लेने वाला प्रीमियम पेइंग टर्म के आखिर तक जीवित रहता है। अगर सभी प्रीमियम भरे जा चुके हैं, तो मैच्योरिटी डेट तक या व्यक्ति के जीवित रहने तक सालाना आधार पर सर्वाइवल बेनिफिट मिलता है।
इसके अलावा मैच्योरिटी डेट तक जीवित रहने पर मैच्योरिटी बेनिफिट की भी सुविधा मिलती है।
इस पॉलिसी में जीवन बीमा का 8 फीसदी रिटर्न हर साल जीवन भर मिलता रहता है।
इस पॉलिसी में निवेश करने से आपको आयकर से भी छूट मिलेगी।

जीवन उमंग पॉलिसी में कितने साल तक कर सकते हैं निवेश

एलआईसी की जीवन उमंग पॉलिसी तहत आप इसमें 15, 20, 25 या 30 साल तक निवेश कर सकते हैं। पॉलिसी के अंतर्गत यदि व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना हो जाती है या उसकी मृत्यु होती है, तो ये प्लान उसे लाभान्वित करेगा।

जीवन उमंग पॉलिसी के लिए न्यूनतम और अधिकतम उम्र
जीवन उमंग पॉलिसी को 90 दिन से लेकर 55 साल तक के उम्र के लोग इसे खरीद सकते हैं। इस पॉलिसी के तहत आपको 100 साल तक रिर्टन मिलता रहता है। यह एक एंडोमेंट के साथ-साथ एक आजीवन बीमा योजना है।

जीवन उमंग पॉलिसी में कम से कम कितने लाख का लेना होगा बीमा

एलआईसी की जीवन उमंग पॉलिसी प्लान के अंतर्गत निवेश करने वाले व्यक्ति को कम से कम दो लाख रुपए का बीमा लेना होगा। बता दें कि इस पॉलिसी पर बाजार जोखिम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। 80 सी के तहत इस पॉलिसी को लेने पर टैक्स की छूट भी मिलती है। इसमें निवेश की कोई सीमा नहीं है आप इसमें 2 लाख से उपर कितना भी निवेश कर सकते हैं।

मैच्योरिटी पर कितने रुपये मिलेंगे

30 साल:-
आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं. मान लें 30 साल के रमेश ने 10 लाख रुपये सम एस्योर्ड की पॉलिसी ली है. उन्होंने प्रीमियम पेमेंट टर्म के रूप में 30 वर्ष का चुनाव किया है. इस हिसाब से पॉलिसी का पीरियड 100-30 यानी कि 70 साल होगा. रमेश अगर मंथली प्रीमियम देते हैं तो उन्हें हर महीने 2582 रुपये या सालाना प्रीमियम देते हैं तो 30,326 रुपये चुकाने होंगे. इस हिसाब से रमेश को अपने पूरे पॉलिसी पीरियड में 9,10,448 रुपये चुकाने होंगे. यह पॉलिसी 30 चलने के बाद प्रीमिमय देना बंद हो जाएगा और उस वक्त रमेश की उम्र 60 साल हो जाएगी.

रमेश जब 60 साल के हो जाएंगे तो उन्हें अब हर साल 80,000 रुपये या 6.5 हजार रुपये हर महीने के हिसाब से पेंशन मिलेगी. यह पेंशन तब तक मिलेगी जब तक रमेश जीवित रहते हैं. रमेश जब 100 वर्ष के होंगे तो इस पॉलिसी की मैच्योरिटी हो जाएगी. पॉलिसी मैच्योरिटी होने पर रमेश को सम एस्योर्ड का 10,000 रुपये, बोनस के रूप में 89,20,000 रुपये मिलेंगे. इस तरह रमेश को पॉलिसी की मैच्योरिटी पर 99,20,000 रुपये मिलेंगे. रमेश ने प्रीमियम के तौर पर 9,10,448 रुपये भरे थे लेकिन मैच्योरिटी पर उन्हें लगभग 1 करोड़ रुपये मिले.

15 साल:-
आइए इसे एक दूसरे उदाहरण से समझते हैं. मान लें 30 साल के रमेश ने 10 लाख रुपये सम एस्योर्ड की पॉलिसी ली है. उन्होंने प्रीमियम पेमेंट टर्म के रूप में 15 वर्ष का चुनाव किया है. इस हिसाब से पॉलिसी का पीरियड 100-30 यानी कि 70 साल होगा. रमेश अगर मंथली प्रीमियम देते हैं तो उन्हें हर महीने 6830 रुपये या सालाना प्रीमियम देते हैं तो 80,311 रुपये चुकाने होंगे. इस हिसाब से रमेश को अपने पूरे पॉलिसी पीरियड में 12,06,432 रुपये चुकाने होंगे. यह पॉलिसी 15 चलने के बाद प्रीमिमय देना बंद हो जाएगा और उस वक्त रमेश की उम्र 44 साल हो जाएगी.

रमेश जब 44 साल के हो जाएंगे तो उन्हें अब हर साल 80,000 रुपये या 6.5 हजार रुपये हर महीने के हिसाब से पेंशन मिलेगी. यह पेंशन तब तक मिलेगी जब तक रमेश जीवित रहते हैं. रमेश जब 100 वर्ष के होंगे तो इस पॉलिसी की मैच्योरिटी हो जाएगी. पॉलिसी मैच्योरिटी होने पर रमेश को सम एस्योर्ड का 10,00,000 रुपये, बोनस के रूप में 85,40,000 रुपये मिलेंगे. इस तरह रमेश को पॉलिसी की मैच्योरिटी पर कुल 1,29,00,000 रुपये मिलेंगे. रमेश ने प्रीमियम के तौर पर 12,06,432 रुपये भरे थे लेकिन मैच्योरिटी पर उन्हें लगभग 1.29 करोड़ रुपये मिले

जीवन उमंग पॉलिसी से संबंधित शर्तें और प्रतिबंध

जीवन उमंग पॉलिसी से संबंधित कुछ शर्तें और प्रतिबंध भी तय किए हुए हैं। इसे संपेक्ष में नीचे दी गई तालिका के माध्यम से समझा जा सकता है।
विषय                                                    न्यूनतम                               अधिकतम
बीमित रकम                                        दो लाख रुपए                      कोई सीमा नहीं
प्रवेश आयु                                           90 दिन                                55 साल
प्रीमियम भुगतान के अंत में आयु          30 साल                                70 साल
प्रीमियम भुगतान की अवधि                 15,20,25 और 30 साल
पालिसी टर्म                                        100-पालिसी में प्रवेश के समय की आयु
प्रीमियम भुगतान मोड                        वार्षिक, छमाही, तिमाही और मासिक
एलआईसी जीवन उमंग योजना :        15 दिन के अंदर लौटा सकते हैं पॉलिसी

अगर पॉलिसीधारक पॉलिसी के नियम व शर्तों से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप इसे एलआईसी को, पॉलिसी बॉन्ड प्राप्त होने के 15 दिन के अंदर लौटा सकता है। मगर ध्यान रहे कि आपको इसका कारण बताया होगा। अगर पॉलिसीधारक की एंट्री एज 8 साल से कम है, तो रिस्क पॉलिसी के 2 साल पूरे होने के 1 दिन पहले से शुरू होगा. अगर एंट्री एज 8 साल से ज्यादा है, तो जोखिम तुंरत शुरू हो जाएगा.

जीवन उमंग पॉलिसी में इन परिस्थतियों में मिलता है डेथ बेनिफिट

अगर पॉलिसी टर्म के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार को डेथ बेनिफिट मिलता है।
अगर पॉलिसी के 5 साल पूरे होने से पहले मृत्यु होती है, तो परिवार को सम एश्योर्ड मिलता है।
अगर पॉलिसी के 5 साल पूरे होने के बाद और मैच्योरिटी से पहले मृत्यु होती है, तो सम एश्योर्ड और अगर कोई लॉयल्टी एडिशन है तो वह मिलता है।
सम एश्योर्ड, सालाना प्रीमियम का 10 गुना तक या बेसिक सम एश्योर्ड का 110 प्रतिशत होता है।
डेथ बेनिफिट भुगतान किए गए सभी प्रीमियम्स के 105 प्रतिशत से कम नहीं होगा।

सर्वाइवल बेनिफिट और मैच्योरिटी बेनिफिट

अगर प्रीमियम का भुगतान किए जाने वाले टर्म के आखिर तक पॉलिसीधारक जीवित रहता है, साथ ही सभी प्रीमियम भरे जा चुके हैं, तो हर साल बेसिक सम एश्योर्ड के 8 प्रतिशत के बराबर सर्वाइवल बेनिफिट, मैच्योरिटी डेट तक या व्यक्ति के जीवित रहने तक मिलेगा। इसके अलावा, पॉलिसी टर्म के आखिर तक जीवित रहने पर और सभी प्रीमियम्स का भुगतान हो चुकने पर, मैच्योरिटी पर सम एश्योर्ड, वेस्टेड सिंपल रिवर्सनरी बोनस और फाइनल एडिशनल बोनस का भुगतान मिलता है।

आत्महत्या के मामले में LIC जीवन उमंग योजना के नियम

अगर पॉलिसी शुरू होने के एक साल के अंदर पॉलिसीहोल्डर आत्महत्या कर लेता है, तो पॉलिसी वॉइड हो जाएगी।
इसके तहत भुगतान किए जा चुके प्रीमियम का 80 प्रतिशत से ज्यादा लौटा दिया जाएगा।
अगर पॉलिसीधारक की उम्र 8 साल से कम है, तो यह क्लॉज लागू नहीं होगा।

प्रश्न 1. जीवन उमंग प्लान क्या है?
उत्तर. जीवन उमंग पॉलिसी एक संपूर्ण जीवन बीमा योजना है। कोई भी व्यक्ति इस पॉलिसी को 100 वर्षों के लिए ले सकता हैं। इस पॉलिसी पर बाजार जोखिम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। 80 सी के तहत इस पॉलिसी को लेने पर टैक्स की छूट भी मिलती है।

प्रश्न 2. एलआईसी में सबसे अच्छी पॉलिसी कौन सी है?
उत्तर. एलआईसी की सबसे अच्छी पॉलिसी एलआईसी टेक टर्म प्लान नंबर 854 को माना जाता है. एलआईसी की सभी टर्म पॉलिसी में इसे सबसे सस्ती पॉलिसी माना जाता है। 18 साल से लेकर 65 साल तक के लोग इस पॉलिसी को खरीद सकते हैं। इस प्लान में कम से कम 50 लाख रुपए के बीमा की पॉलिसी लेनी होती है। कम से कम 10 साल और अधिकतम 40 साल के लिए यह पॉलिसी ले सकते हैं।

प्रश्न 3. जीवन उमंग पॉलिसी में कम से कम कितने लाख का बीमा लेना होता है?
उत्तर. जीवन उमंग पॉलिसी में कम से कम 2 लाख रुपए का बीमा लेना होता है।

 

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जिंदगीभर एक लाख रुपये की पेंशन चाहिए? LIC की यह पॉलिसी करेगी सपने पूरे, साठ के बाद भी रहेंगे ठाठ !

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जिंदगीभर एक लाख रुपये की पेंशन चाहिए? LIC की यह पॉलिसी करेगी सपने पूरे, साठ के बाद भी रहेंगे ठाठ !

 

LIC Pension Scheme: एलआईसी की कई पॉलिसी काफी बेहतर हैं। बात अगर पेंशन से जुड़ी पॉलिसी की हो तो यहां भी एलआईसी पीछे नहीं है। इन्हीं में न्यू जीवन शांति प्लान शामिल है। एलआईसी की यह पॉलिसी पेंशन के लिए बेहतर ऑप्शन में से एक है। इस पॉलिसी के जरिए आप एक लाख रुपये और इससे ज्यादा भी पेंशन पा सकते हैं।

हाइलाइट्स
एलआईसी के न्यू जीवन शांति प्लान से आप जिंदगीभर पेंशन पा सकते हैं
इस पॉलिसी में निवेश करके एक लाख रुपये की भी पेंशन ले सकते हैं
इस पॉलिसी को लेने के लिए न्यूनतम उम्र 30 साल है

LIC New Jeevan Shanti Plan

पेंशन के लिए एलआईसी की खास स्कीम

हर नौकरीपेशा शख्स चाहता है कि रिटायरमेंट के बाद उसे अच्छी पेंशन मिले। वहीं काफी ऐसे लोग भी होते हैं जो नौकरी तो नहीं करते लेकिन 50 या 60 साल की उम्र के बाद जरूरी खर्चे के लिए निश्चित रकम चाहते हैं। अगर आप भी रिटायरमेंट के बाद या 60 साल की उम्र के बाद ठाठ की जिंदगी चाहते हैं तो भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की पेंशन स्कीम में निवेश कर सकते हैं।

वैसे तो पेंशन के लिए एलआईसी की कई पॉलिसी हैं, लेकिन इनमें न्यू जीवन शांति प्लान (LIC New Jeevan Shanti Plan) बेहद खास है। इस प्लान की सबसे खास बात है कि इसमें आपको बस एक बार ही पैसा निवेश करना होगा। फिर उसके कुछ समय बाद आपको जिंदगीभर एक निश्चित रकम पेंशन के रूप में मिलती रहेगी। यानी कह सकते हैं कि रिटायरमेंट के बाद भी रेगुलर कमाई शुरू हो जाती है।

कौन ले सकता है यह प्लान?
इस प्लान को कोई भी शख्स ले सकता है। फिर चाहे वह नौकरीपेशा हो या कारोबारी। हालांकि इसके लिए न्यूनतम उम्र 30 साल और अधिकतम 79 साल होनी चाहिए। यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि जितनी जल्दी उम्र में इस प्लान में निवेश करेंगे, पेंशन की रकम उतनी कम मिलती है।

कितनी रकम करनी होगी निवेश?
यह सिंगल प्रीमियम पॉलिसी है। यानी आपको सिर्फ एक बार ही निवेश करना होगा। उसके बाद जिंदगीभर के लिए पेंशन पक्की हो जाएगी। इस प्लान के तहत कम से कम 1.50 लाख रुपये निवेश करने होते हैं। इससे ज्यादा आप कितनी भी रकम निवेश कर सकते हैं। जितनी ज्यादा रकम निवेश करेंगे, उतनी ज्यादा रकम पेंशन के रूप में मिलेगी।

इस प्लान को लेने के लिए दो ऑप्शन हैं। पहला ऑप्शन डेफर्ड एन्युटी फॉर सिंगल लाइफ (Deferred Annuity for Single Life) का है। वहीं दूसरा ऑप्शन डेफर्ड एन्युटी फॉर जॉइंट लाइफ (Deferred Annuity for Joint Life) का है। आप दोनों में से किसी भी ऑप्शन को चुन सकते हैं।

कब और कितनी मिलेगी पेंशन?
इस पॉलिसी में निवेश करने के 5 साल बाद पेंशन शुरू होती है। अगर आपकी उम्र 40 साल है तो 45 साल उम्र से पेंशन शुरू होगी। वहीं अगर उम्र 55 साल है तो 60 साल की उम्र के बाद पेंशन शुरू होगी। यह पेंशन जिंदगीभर मिलेगी।

ऐसे मिलेगी एक लाख रुपये की पेंशन
मान लीजिए कि आपकी उम्र 45 साल है। आप इस पॉलिसी में 11 लाख रुपये सिंगल प्रीमियम के तहत निवेश करते हैं। 5 साल बाद यानी जब आपकी उम्र 50 साल हो जाएगी तो आपकी पेंशन शुरू हो जाएगी। आपको सालाना करीब एक लाख रुपये (99,440 रुपये) की पेंशन मिलेगी।

वहीं अब मान लें कि आप 55 साल की उम्र में इस प्लान को खरीदते हैं। आप 11 लाख रुपये सिंगल प्रीमियम के तहत निवेश करते हैं। 5 साल बाद जब आप 60 साल के होंगे, तब आपकी पेंशन शुरू होगी। उस समय आपको पेंशन के रूप में सालाना 1,02,850 रुपये जिंदगीभर मिलेंगे। आप इस प्लान में पेंशन हर महीने या हर तीन महीने में या हर 6 महीने में भी ले सकते हैं।

ये फायदे भी मिलेंगे
प्लान लेने वाले शख्स का अगर निधन हो जाता है तो नॉमिनी को पूरी रकम ब्याज के साथ वापस मिल जाती है।

इस पॉलिसी को कभी भी सरेंडर कर सकते हैं। इसमें सरेंडर वैल्यू दूसरी पॉलिसी के मुकाबले ज्यादा होती है।

इसमें आपको लोन की सुविधा भी मिलती है। पॉलिसी शुरू होने के तीन महीने बाद आप इस पर लोन भी ले सकते हैं।

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जिंदगीभर एक लाख रुपये की पेंशन चाहिए? LIC की यह पॉलिसी करेगी सपने पूरे, साठ के बाद भी रहेंगे ठाठ !

केवल सौ रुपये रोज के 16 साल तक हर साल दीजिये, पच्चीस साल पूरे होते ही गारण्टी के साथ इक्कीस लाख साठ हजार ले लीजिये।

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केवल सौ रुपये रोज के 16 साल तक हर साल दीजिये

सोलहवें साल से पच्चीसवें साल तक प्रीमियम हॉलिडे, यानी कि प्रीमियम नहीं देना होगा।

पच्चीस साल पूरे होते ही गारण्टी के साथ इक्कीस लाख साठ हजार ले लीजिये।

 

LIC जीवन लाभ एक पार्टिसिपेटिंग नॉन-लिंक्ड  लिमिटेड प्रीमियम पेइंग इंडीविजुअल सेविंग्स प्‍लान है, जो देता है सेविंग्स और प्रोटेक्शन का एक साथ बैनिफिट LIC जीवन लाभ कोई अनहोनी होने की सूरत में न केवल इंश्योर्ड के परिवार को फाइनैन्शल मदद उपलब्ध कराता है बल्कि इंश्योर्ड व्यक्ति के नहीं रहने पर भी भविष्य में परिवार की फाइनैन्शल जरूरतों का ध्यान रखता है

अगर कोई व्यक्ति 20 साल की उम्र में 25 साल की टर्म प्लान और 8 लाख सम एश्योर्ड का विकल्प चुनता है, तो उसे 16 साल के लिए 100 रुपये प्रति दिन का भुगतान करना होगा. इस तरह उसे कुल 573796 रुपये चुकाने होंगे. यह रकम मैच्योरिटी पर यानी 45 साल की उम्र में 21,60,000 रुपये हो जाएगी. इस पॉलिसी का शेयर बाजार से कोई संबंध नहीं है, यानी इस योजना में आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है. कंपनी ने यह प्लान बच्चों की शादी, शिक्षा और संपत्ति की खरीद के लिए बनाया है

भारत में एक प्रमुख इंश्योरेंस प्रोवाइडर होने के नाते,जब इंश्योरेंस कवर खरीदने की बात आती है तो LIC पॉलिसी  ग्राहकों के लिए लोकप्रिय पसंद हैं  LIC द्वारा पेश पॉलिसियों की बहुत ही विस्तृत रेंज के साथ, LIC जीवन लाभ LIC आफ इंडिया द्वारा पेश एक सबसे अधिक बिकने वाला एन्डाउमेंट इंश्योरेंस प्लान है LIC जीवन लाभ इंश्योरेंस खरीदने वालों के लिए बहुत से बैनिफिट के साथ आता है जीवन लाभ पॉलिसी के बारे में विस्तार से जानने के लिए, आइए, इसके बारे में पढ़ते हैं

LIC जीवन लाभ प्लान- विशेषताएं

LIC जीवन लाभ प्लान की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • यह प्लान लिमिटेड प्रीमियम पेमेंट का विकल्प उपलब्ध कराता है
  • यह प्लान 16, 21 और 25 साल के पॉलिसी टर्म पर उपलब्ध है जो इन्वेस्टर्स के लिए किसी खास लक्ष्य को सामने रखकर निवेश को आसान बनाता है
  • यह नॉन लिंक्ड, प्रौफिट प्लान मृत्यु और मैच्योरिटी बैनिफिट के रूप में इन्वेस्टसर्स को काम्प्रिहेन्सिव प्रोटेक्शन के साथ ही एश्योर्ड रिटर्न दोनों सुनिश्चित करता है
  • पॉलिसी होल्डर तीन साल के लिए रेग्यूलर प्रीमियम का भुगतान करने के बाद इस प्लान पर ऋण सुविधा प्राप्त कर सकता है
  • आय कर अधिनियम, 1961के नियम 80C और 10(10D) के तहत टैक्स बैनिफिट प्राप्त किया जा सकता है
  • यह प्लान डेथ बैनिफिट को किश्तों में प्राप्त करने का विकल्प देता है

LIC जीवन लाभ बैनिफिट

LIC जीवन लाभ प्लान द्वारा पेश बैनिफिट निम्न प्रकार से हैं

डेथ बैनिफिट

यदि पॉलिसी अवधि के दौरान इंश्योर्ड व्यक्ति किसी अनहोनी का शिकार हो जाता है तो इंश्योरर पॉलिसी के लाभार्थी को डेथ बैनिफिट का भुगतान करता है पॉलिसी के लाभार्थी को वेस्‍टेड रिवर्सनरी बोनस और अंतिम अतिरिक्‍त बोनस (यदि कोई हो) के साथ सम एश्योर्ड की राशि के रूप में डेथ बेनेफिट का भुगतान किया जाता है।  डेथ पर सम एश्यार्ड को निम्न तरीके से परिभाषित किया गया है:

  • वार्षिक प्रीमियम से 7 गुना ज्यादा
  • बेसिक सम एश्‍योर्ड अमाउंट

पाॉलिसी के नामनी को दिया जाने वाला डेथ बेनिफिट भुगतान किए गए कुल प्रीमियम का 105% से कम नहीं होना चाहिए।

मैच्योरिटी बेनिफिट

अगर इंश्योरेंस कराने वाला व्यक्ति पूरे पॉलिसी टर्म के बाद जीवित रहता है और उसने पॉलिसी के पूरे प्रीमियम का भुगतान किया है और पॉलिसी चालू है तो मैच्योरिटी बैनिफिट इंश्योर्ड व्यक्ति को वेस्टेड सिम्पल रिवर्सनरी बोनस और फाइनल एडिशनल बोनस, अगर कोई हो तो, के साथ मैच्योरिटी पर सम एश्योर्ड के रूप में प्रदान किया जाता है मैच्‍योरिटी पर देय सम एश्योर्ड, पॉलिसी की बेसिक सम एश्योर्ड राशि के बराबर होता है।

प्रौफिट में भागीदारी

पॉलिसी कॉर्पोरेशन के प्रौफिट में पार्टिसिपेट करती है और वह कापोर्रेशन के अनुभव के अनुसार सिम्पल रिवसर्सनरी बोनस पाने की हकदार है लेकिन इसके लिए पाॉलिसी का चालू रहना जरूरी है जिस साल में क्लेम किया जाता है, चाहे डेथ या मैच्योरिटी के रूप में, उस साल पॉलिसी के तहत फाइनल एडिशनल बोनस घोषित किया जाता है

टैक्‍स बेनिफिट

पॉलिसी होल्डर, पॉलिसी के तहत टैक्स बैनिफिट का लाभ ले सकता है । एक फाइनैन्शल ईयर में पॉलिसी के लिए प्रीमियम भुगतान की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रू है और मैच्योरिटी से प्राप्त आय को इनकम टैक्स एक्ट सेक्शन 80C और 10(10D) के तहत टैक्स से छूट प्राप्त है

LIC जीवन लाभ प्‍लान एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया

आइए पॉलिसी के एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया पर एक नजर डालते हैं

क्राइटेरिया न्यूनतम अधिकतम
प्रवेश आयु 8 साल

PT 16 के लिए 59 वर्ष

PT 21 के लिए 54 वर्ष

PT 25 के लिए 50 वर्ष

सम अश्‍योर्ड Rs.2,00,000 कोई अपर लिमिट नहीं
मैच्योरिटी आयु N/A /लागू नहीं 75 वर्ष
पॉलिसी अवधि 16, 21 और 25 वर्ष
प्रीमियम के भुगतान की अवधि 10, 15 & 16 वर्ष

LIC जीवन लाभ राइडर्स

LIC जीवन लाभ पॉलिसी के तहत, पांच वैकल्पिक राइडर्स हैं जिन्हें पॉलिसी होल्डर एडिशनल प्रीमियम का भुगतान कर प्राप्त कर सकता है पॉलिसी के कवरेज को बढ़ाने के लिए राइडर्स बैनिफिट को बेस प्लान के साथ खरीदा जा सकता है। आइए, विस्तार से इन 5 वैकल्पिक राइडर बैनिफिट को देखते हैं

एक्सीडेंटल डेथ और डिसएबिलिटी बेनिफिट राइडर

पॉलिसी होल्‍डर बेस प्लान के प्रीमियम भुगतान की अवधि के दौरान कभी भी इस राइडर के विकल्प को चुन सकता है, बशर्ते कि बेस प्‍लान की आउटस्‍टैंडिंग PPT कम से कम 5 साल हो पॉलिसी के कवरेज को बढ़ाने के लिए बेस प्‍लान के साथ अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करके इस राइडर बेनिफिट को खरीदा जा सकता है। इस राइडर विकल्प में, बेस प्लान के तहत उपलब्ध डेथ बैनिफिट के साथ प्लान के नामिनी को एक्सीडेंटल डेथ बैनिफिट सम एश्योर्ड अमाउंट का भुगतान किया जाता है इतना ही नहीं, यह राइडर विकल्प किसी दुर्घटना में विकलांग होने की स्थिति में भी इंश्योर्ड को कवरेज उपलब्ध कराता है एक्सीडेंटल डिसएबिलिटी सम एश्योर्ड अमाउंट 10 साल की अवधि के लिए समान मासिक किस्तों में इंश्योर्ड व्यक्ति को प्रदान किया जाता है पॉलिसी का भविष्य में जमा किया जाने वाला प्रीमियम भी माफ

LIC एक्‍सीडेंट बेनिफिट राइडर

पॉलिसी होल्‍डर बेस प्लान के प्रीमियम भुगतान की अवधि के दौरान कभी भी इस राइडर के विकल्प को चुन सकता है, बशर्ते कि बेस प्‍लान की आउटस्‍टैंडिंग PPT कम से कम 5 साल हो इस राइडर विकल्प में, दुर्घटना से 180 दिन के भीतर इंश्योर्ड व्यक्ति की मृत्यु होने की स्थिति में पॉलिसी के नामिनी को एक्सीडेंटल डेथ बैनिफिट सम एश्योर्ड का भुगतान किया जाता है

टर्म एश्‍योरेंस राइडर

इस राइडर विकल्प को पॉलिसी की शुरूआत के समय लिया जा सकता है यह राइडर पॉलिसी की अवधि के दौरान इंश्योर्ड व्यक्ति की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के मामले में पॉलिसी के लाभार्थी को एडिशनल टर्म एश्योरेंस के रूप में अतिरिक्त सम एश्योर्ड का बैनिफिट देता है । टर्म एश्योरेंस राइडर बैनिफिट, पॉलिसी द्वारा पेश बेसिक डेथ बैनिफिट के साथ मिलता है

 क्रिटिकल इलनेस राइडर

क्रिटिकल इलनेस राइडर बैनिफिट को पॉलिसी शुरू करने के समय खरीदा जा सकता है यदि इंश्योर्ड व्यक्ति इस राइडर के तहत लिखित 15 क्रिटिकल बीमारियों में से किसी एक से पीड़ित पाया जाता है तो वह पॉलिसी अवधि के दौरान इस राइडर विकल्प के तहत पेश बैनिफिट को प्राप्त कर सकता है

प्रीमियम वेवर बेनिफिट

इस राइडर विकल्प के तहत, इंश्योर्ड व्यक्ति की  दुर्भाग्यवश मृत्यु हो जाने पर प्लान के भविष्य में अदा किए जाने वाले सभी प्रीमियम को माफ कर दिया जाता है हालाँकि, यदि बेस प्‍लान की प्रीमियम भुगतान की अवधि राइडर की अवधि से अधिक होती है, तो राइडर की समाप्ति की तारीख से बेस पॉलिसी के तहत आगे के बकाया सभी प्रीमियमलाइफ एश्‍योर्ड के लिए देय होंगे यदि पॉलिसी होल्डर पॉलिसी प्रीमियम का भुगतान करने में विफल रहता है तो यह पेड अप पॉलिसी बन जाएगी

LIC जीवन लाभ कैसे काम करता है

LIC जीवन लाभ को 8 से 58 साल आयु वर्ग के बीच के लोग प्राप्त कर सकते हैं । यह लिमिटेड प्रीमियम पेइंग एन्डाउमेंट प्लान, किसी इमरजेंसी की स्थिति में नामिनी को डेथ बैनिफिट सुनिश्चित करता है और यदि इंश्योर्ड व्यक्ति पॉलिसी की पूरी अवधि के बाद जीवित रहता है तो उसे मैच्योरिटी बैनिफिट भी प्रदान करता है पॉलिसी ऋण सुविधा के माध्यम से परिवार की  धन की जरूरतों का भी ध्यान रखती है

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LIC की खास स्कीम: 2582 रुपये की बचत दिलाएगी 1 करोड़ की मैच्योरिटी, हर महीने 6 हजार की पेंशन अलग से

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LIC की खास स्कीम: 2582 रुपये की बचत दिलाएगी 1 करोड़ की मैच्योरिटी, हर महीने 6 हजार की पेंशन अलग से

इस पॉलिसी के तहत मासिक, तिमाही, छमाही और सालाना तौर पर प्रीमियम दे सकते हैं. 2 साल तक प्रीमियम भरने के बाद इस पर लोन भी उठा सकते हैं. लोन का अमाउंट इस बात पर निर्भर करता है कि पॉलिसी कितने साल चली है और प्रीमियम कितना भरा गया है.

लआईसी (LIC) की कुछ खास पॉलिसी में जीवन उमंग पॉलिसी (LIC Jeevan Umang policy) का नाम है. इसका टेबल नंबर 945 है. एलआईसी का जीवन उमंग सबसे ज्यादा बिकने वाली पॉलिसी में एक है. इसके अंतर्गत बीमाधारक को पूरे जीवन लाइफ कवरेज मिलती है. जिस उम्र तक पॉलिसीहोल्डर जीवित रहता है, उस उम्र तक बीमा कवर का फायदा मिलता रहता है.

इस पॉलिसी को लेते समय बीमाधारक बीमा की राशि और प्रीमियम पेमेंट टर्म का चुनाव करता है. अर्थात कितने साल तक प्रीमियम भरना है और कितने लाख का बीमा होगा, यह पहले ही तय कर लिया जाता है. पॉलिसी का जैसे ही प्रीमियम पेमेंट टर्म खत्म होता है, बीमाधारक को ईयरली पेंशन के रूप में सम एस्योर्ड की 8 परसेंट रकम मिलने लगती है. यह पेंशन पूरे जीवन मिलती है. जब पॉलिसीहोल्डर की उम्र 100 वर्ष हो जाती है, पेंशन बंद हो जाती है और पॉलिसी की मैच्योरिटी हो जाती है. इसका मतलब है कि पॉलिसी की पेंशन बीमाधारक के लिए और मैच्योरिटी का पैसा अगली पीढ़ी के काम आती है.

किनके लिए खास है पॉलिसी
यह पॉलिसी उन लोगों के लिए है जो पॉलिसी के दौरान पेंशन लेना चाहते हैं और जाते-जाते एक बड़ी रकम अपने परिवार को देना चाहते हैं. यह एक लिमिटेड प्रीमियम पेमेंट प्लान है जिसमें पॉलिसीहोल्डर को चुने हुए पॉलिसी टर्म से कम समय तक प्रीमियम भरना होता है. इस पॉलिसी में बीमाधारक को वेस्टेड रिविजनरी बोनस और फाइनल एडिश्नल बोनस मिलता है. इस पॉलिसी को लेने के लिए 4 विकल्प मिलते हैं जिसमें 15 साल, 20, 25 और 30 साल के लिए पॉलिसी ले सकते हैं. 90 दिन से लेकर 55 साल तक के लोग इस पॉलिसी को ले सकते हैं. यानी अगर कोई बच्चा 90 दिन का है तो उसके नाम से भी जीवन उमंग पॉलिसी खरीद सकते हैं. बीमाधारक की उम्र जब 100 वर्ष होगी तो इस पॉलिसी की मैच्योरिटी हो जाएगी. कम से कम 2 लाख रुपये के सम एस्योर्ड की पॉलिसी लेना होगा. अधिकतम सम एस्योर्ड की कोई सीमा नहीं रखी गई है.

कब-कब देना होगा प्रीमियम
इस पॉलिसी के तहत मासिक, तिमाही, छमाही और सालाना तौर पर प्रीमियम दे सकते हैं. 2 साल तक प्रीमियम भरने के बाद इस पर लोन भी उठा सकते हैं. लोन का अमाउंट इस बात पर निर्भर करता है कि पॉलिसी कितने साल चली है और प्रीमियम कितना भरा गया है. इस पॉलिसी के अंदर 5 राइडर मिलते हैं जिसमें दुर्घटना या अन्य जोखिम से सुरक्षा मिलती है. इसमें एक प्रीमियम वेवर बेनिफिट राइडर होता है जिसे अपने बच्चे के लिए जरूर लेना चाहिए. दुर्भाग्यवश अगर प्रीमिय भरने वाला व्यक्ति समय से पूर्व दुनिया छोड़ देता है तो प्रीमियम वेवर राइडर का फायदा बच्चे को मिलता है और उसका पूरा प्रीमियम माफ हो जाता है. इस पॉलिसी में इनकम टैक्स की धारा 80C के अंतर्गत टैक्स बेनिफिट की सुविधा मिलती है.

मैच्योरिटी पर कितने रुपये मिलेंगे
30 साल:-
आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं. मान लें 30 साल के रमेश ने 10 लाख रुपये सम एस्योर्ड की पॉलिसी ली है. उन्होंने प्रीमियम पेमेंट टर्म के रूप में 30 वर्ष का चुनाव किया है. इस हिसाब से पॉलिसी का पीरियड 100-30 यानी कि 70 साल होगा. रमेश अगर मंथली प्रीमियम देते हैं तो उन्हें हर महीने 2582 रुपये या सालाना प्रीमियम देते हैं तो 30,326 रुपये चुकाने होंगे. इस हिसाब से रमेश को अपने पूरे पॉलिसी पीरियड में 9,10,448 रुपये चुकाने होंगे. यह पॉलिसी 30 चलने के बाद प्रीमिमय देना बंद हो जाएगा और उस वक्त रमेश की उम्र 60 साल हो जाएगी.

रमेश जब 60 साल के हो जाएंगे तो उन्हें अब हर साल 80,000 रुपये या 6.5 हजार रुपये हर महीने के हिसाब से पेंशन मिलेगी. यह पेंशन तब तक मिलेगी जब तक रमेश जीवित रहते हैं. रमेश जब 100 वर्ष के होंगे तो इस पॉलिसी की मैच्योरिटी हो जाएगी. पॉलिसी मैच्योरिटी होने पर रमेश को सम एस्योर्ड का 10,000 रुपये, बोनस के रूप में 89,20,000 रुपये मिलेंगे. इस तरह रमेश को पॉलिसी की मैच्योरिटी पर 99,20,000 रुपये मिलेंगे. रमेश ने प्रीमियम के तौर पर 9,10,448 रुपये भरे थे लेकिन मैच्योरिटी पर उन्हें लगभग 1 करोड़ रुपये मिले.

15 साल:-
आइए इसे एक दूसरे उदाहरण से समझते हैं. मान लें 30 साल के रमेश ने 10 लाख रुपये सम एस्योर्ड की पॉलिसी ली है. उन्होंने प्रीमियम पेमेंट टर्म के रूप में 15 वर्ष का चुनाव किया है. इस हिसाब से पॉलिसी का पीरियड 100-30 यानी कि 70 साल होगा. रमेश अगर मंथली प्रीमियम देते हैं तो उन्हें हर महीने 6830 रुपये या सालाना प्रीमियम देते हैं तो 80,311 रुपये चुकाने होंगे. इस हिसाब से रमेश को अपने पूरे पॉलिसी पीरियड में 12,06,432 रुपये चुकाने होंगे. यह पॉलिसी 15 चलने के बाद प्रीमिमय देना बंद हो जाएगा और उस वक्त रमेश की उम्र 44 साल हो जाएगी.

रमेश जब 44 साल के हो जाएंगे तो उन्हें अब हर साल 80,000 रुपये या 6.5 हजार रुपये हर महीने के हिसाब से पेंशन मिलेगी. यह पेंशन तब तक मिलेगी जब तक रमेश जीवित रहते हैं. रमेश जब 100 वर्ष के होंगे तो इस पॉलिसी की मैच्योरिटी हो जाएगी. पॉलिसी मैच्योरिटी होने पर रमेश को सम एस्योर्ड का 10,00,000 रुपये, बोनस के रूप में 85,40,000 रुपये मिलेंगे. इस तरह रमेश को पॉलिसी की मैच्योरिटी पर कुल 1,29,00,000 रुपये मिलेंगे. रमेश ने प्रीमियम के तौर पर 12,06,432 रुपये भरे थे लेकिन मैच्योरिटी पर उन्हें लगभग 1.29 करोड़ रुपये मिले.

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If one is travelling abroad and gets infected with Monkeypox, the role of a travel insurance policy becomes important.

Till now, there has not been any reported case of Monkeypox in India and the states and the central government are keeping a close watch on the situation.

The update on Monkeypox virus is that in view of the increasing reports of Monkeypox cases in non-endemic countries, as part of a proactive and risk-based approach for management of Monkeypox and to ensure advance preparedness across the country, the Union Ministry of Health and Family Welfare has issued ‘Guidelines on Management of Monkeypox Disease’, today.

While Coronavirus continues to play havoc with the lives and livelihood of the world population, the emergence of the Monkeypox virus is in the news. Monkeypox is a virus transmitted to humans from animals with symptoms very similar to those seen in the past in smallpox patients, although it is clinically less severe.

As of 21 May, 92 laboratory-confirmed cases, and 28 suspected cases of monkeypox with investigations ongoing, have been reported to WHO from 12 Member States that are not endemic for monkeypox virus, across three WHO regions.

Till now, there has not been any reported case of Monkeypox in India and the states and the central government are keeping a close watch on the situation.

Unlike the time when Covid-19 left many individuals stranded for funds during hospitalisation, it is always better to be prepared in advance. Health insurance policies have a role to play in meeting hospitalisation costs arising out of the treatment for any diseases, infections etc. But, will the costs get covered? “ Hospitalization would be covered, subject to policy terms,” says Raghavendra Rao, Chief Distribution Officer, Future Generali India Insurance

“We need to understand that all infectious diseases, including monkeypox, are covered under the basic health insurance policy. If a person is diagnosed and hospitalized in India upon or after arrival, then it will be covered under an individual health insurance policy and not in a travel insurance policy. A travel insurance policy ceases to be valid once the travel is completed,” Rakesh Jain, CEO of Reliance General Insurance Company.

If one is travelling abroad and gets infected with Monkeypox, the role of a travel insurance policy becomes important. “With regard to international travel insurance, it is important to note that certain travel policies only cover accidental death and accidental hospitalization, but not medical hospitalization. If a customer opts for the Medical Expense feature in her travel policy, only then all her emergency medical costs such as hospitalization costs, outpatient and cashless hospitalization will be covered during a foreign trip,” adds Jain.

Source: https://www.financialexpress.com/money/insurance/monkeypox-virus-to-get-health-insurance-coverage-find-out/2543511

May 31, 2022 9:49:53 pm

जिंदगीभर एक लाख रुपये की पेंशन चाहिए? LIC की यह पॉलिसी करेगी सपने पूरे, साठ के बाद भी रहेंगे ठाठ !

केवल सौ रुपये रोज के 16 साल तक हर साल दीजिये, पच्चीस साल पूरे होते ही गारण्टी के साथ इक्कीस लाख साठ हजार ले लीजिये।

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केवल सौ रुपये रोज के 16 साल तक हर साल दीजिये

सोलहवें साल से पच्चीसवें साल तक प्रीमियम हॉलिडे, यानी कि प्रीमियम नहीं देना होगा।

पच्चीस साल पूरे होते ही गारण्टी के साथ इक्कीस लाख साठ हजार ले लीजिये।

 

LIC जीवन लाभ एक पार्टिसिपेटिंग नॉन-लिंक्ड  लिमिटेड प्रीमियम पेइंग इंडीविजुअल सेविंग्स प्‍लान है, जो देता है सेविंग्स और प्रोटेक्शन का एक साथ बैनिफिट LIC जीवन लाभ कोई अनहोनी होने की सूरत में न केवल इंश्योर्ड के परिवार को फाइनैन्शल मदद उपलब्ध कराता है बल्कि इंश्योर्ड व्यक्ति के नहीं रहने पर भी भविष्य में परिवार की फाइनैन्शल जरूरतों का ध्यान रखता है

अगर कोई व्यक्ति 20 साल की उम्र में 25 साल की टर्म प्लान और 8 लाख सम एश्योर्ड का विकल्प चुनता है, तो उसे 16 साल के लिए 100 रुपये प्रति दिन का भुगतान करना होगा. इस तरह उसे कुल 573796 रुपये चुकाने होंगे. यह रकम मैच्योरिटी पर यानी 45 साल की उम्र में 21,60,000 रुपये हो जाएगी. इस पॉलिसी का शेयर बाजार से कोई संबंध नहीं है, यानी इस योजना में आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है. कंपनी ने यह प्लान बच्चों की शादी, शिक्षा और संपत्ति की खरीद के लिए बनाया है

भारत में एक प्रमुख इंश्योरेंस प्रोवाइडर होने के नाते,जब इंश्योरेंस कवर खरीदने की बात आती है तो LIC पॉलिसी  ग्राहकों के लिए लोकप्रिय पसंद हैं  LIC द्वारा पेश पॉलिसियों की बहुत ही विस्तृत रेंज के साथ, LIC जीवन लाभ LIC आफ इंडिया द्वारा पेश एक सबसे अधिक बिकने वाला एन्डाउमेंट इंश्योरेंस प्लान है LIC जीवन लाभ इंश्योरेंस खरीदने वालों के लिए बहुत से बैनिफिट के साथ आता है जीवन लाभ पॉलिसी के बारे में विस्तार से जानने के लिए, आइए, इसके बारे में पढ़ते हैं

LIC जीवन लाभ प्लान- विशेषताएं

LIC जीवन लाभ प्लान की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • यह प्लान लिमिटेड प्रीमियम पेमेंट का विकल्प उपलब्ध कराता है
  • यह प्लान 16, 21 और 25 साल के पॉलिसी टर्म पर उपलब्ध है जो इन्वेस्टर्स के लिए किसी खास लक्ष्य को सामने रखकर निवेश को आसान बनाता है
  • यह नॉन लिंक्ड, प्रौफिट प्लान मृत्यु और मैच्योरिटी बैनिफिट के रूप में इन्वेस्टसर्स को काम्प्रिहेन्सिव प्रोटेक्शन के साथ ही एश्योर्ड रिटर्न दोनों सुनिश्चित करता है
  • पॉलिसी होल्डर तीन साल के लिए रेग्यूलर प्रीमियम का भुगतान करने के बाद इस प्लान पर ऋण सुविधा प्राप्त कर सकता है
  • आय कर अधिनियम, 1961के नियम 80C और 10(10D) के तहत टैक्स बैनिफिट प्राप्त किया जा सकता है
  • यह प्लान डेथ बैनिफिट को किश्तों में प्राप्त करने का विकल्प देता है

LIC जीवन लाभ बैनिफिट

LIC जीवन लाभ प्लान द्वारा पेश बैनिफिट निम्न प्रकार से हैं

डेथ बैनिफिट

यदि पॉलिसी अवधि के दौरान इंश्योर्ड व्यक्ति किसी अनहोनी का शिकार हो जाता है तो इंश्योरर पॉलिसी के लाभार्थी को डेथ बैनिफिट का भुगतान करता है पॉलिसी के लाभार्थी को वेस्‍टेड रिवर्सनरी बोनस और अंतिम अतिरिक्‍त बोनस (यदि कोई हो) के साथ सम एश्योर्ड की राशि के रूप में डेथ बेनेफिट का भुगतान किया जाता है।  डेथ पर सम एश्यार्ड को निम्न तरीके से परिभाषित किया गया है:

  • वार्षिक प्रीमियम से 7 गुना ज्यादा
  • बेसिक सम एश्‍योर्ड अमाउंट

पाॉलिसी के नामनी को दिया जाने वाला डेथ बेनिफिट भुगतान किए गए कुल प्रीमियम का 105% से कम नहीं होना चाहिए।

मैच्योरिटी बेनिफिट

अगर इंश्योरेंस कराने वाला व्यक्ति पूरे पॉलिसी टर्म के बाद जीवित रहता है और उसने पॉलिसी के पूरे प्रीमियम का भुगतान किया है और पॉलिसी चालू है तो मैच्योरिटी बैनिफिट इंश्योर्ड व्यक्ति को वेस्टेड सिम्पल रिवर्सनरी बोनस और फाइनल एडिशनल बोनस, अगर कोई हो तो, के साथ मैच्योरिटी पर सम एश्योर्ड के रूप में प्रदान किया जाता है मैच्‍योरिटी पर देय सम एश्योर्ड, पॉलिसी की बेसिक सम एश्योर्ड राशि के बराबर होता है।

प्रौफिट में भागीदारी

पॉलिसी कॉर्पोरेशन के प्रौफिट में पार्टिसिपेट करती है और वह कापोर्रेशन के अनुभव के अनुसार सिम्पल रिवसर्सनरी बोनस पाने की हकदार है लेकिन इसके लिए पाॉलिसी का चालू रहना जरूरी है जिस साल में क्लेम किया जाता है, चाहे डेथ या मैच्योरिटी के रूप में, उस साल पॉलिसी के तहत फाइनल एडिशनल बोनस घोषित किया जाता है

टैक्‍स बेनिफिट

पॉलिसी होल्डर, पॉलिसी के तहत टैक्स बैनिफिट का लाभ ले सकता है । एक फाइनैन्शल ईयर में पॉलिसी के लिए प्रीमियम भुगतान की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रू है और मैच्योरिटी से प्राप्त आय को इनकम टैक्स एक्ट सेक्शन 80C और 10(10D) के तहत टैक्स से छूट प्राप्त है

LIC जीवन लाभ प्‍लान एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया

आइए पॉलिसी के एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया पर एक नजर डालते हैं

क्राइटेरिया न्यूनतम अधिकतम
प्रवेश आयु 8 साल

PT 16 के लिए 59 वर्ष

PT 21 के लिए 54 वर्ष

PT 25 के लिए 50 वर्ष

सम अश्‍योर्ड Rs.2,00,000 कोई अपर लिमिट नहीं
मैच्योरिटी आयु N/A /लागू नहीं 75 वर्ष
पॉलिसी अवधि 16, 21 और 25 वर्ष
प्रीमियम के भुगतान की अवधि 10, 15 & 16 वर्ष

LIC जीवन लाभ राइडर्स

LIC जीवन लाभ पॉलिसी के तहत, पांच वैकल्पिक राइडर्स हैं जिन्हें पॉलिसी होल्डर एडिशनल प्रीमियम का भुगतान कर प्राप्त कर सकता है पॉलिसी के कवरेज को बढ़ाने के लिए राइडर्स बैनिफिट को बेस प्लान के साथ खरीदा जा सकता है। आइए, विस्तार से इन 5 वैकल्पिक राइडर बैनिफिट को देखते हैं

एक्सीडेंटल डेथ और डिसएबिलिटी बेनिफिट राइडर

पॉलिसी होल्‍डर बेस प्लान के प्रीमियम भुगतान की अवधि के दौरान कभी भी इस राइडर के विकल्प को चुन सकता है, बशर्ते कि बेस प्‍लान की आउटस्‍टैंडिंग PPT कम से कम 5 साल हो पॉलिसी के कवरेज को बढ़ाने के लिए बेस प्‍लान के साथ अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करके इस राइडर बेनिफिट को खरीदा जा सकता है। इस राइडर विकल्प में, बेस प्लान के तहत उपलब्ध डेथ बैनिफिट के साथ प्लान के नामिनी को एक्सीडेंटल डेथ बैनिफिट सम एश्योर्ड अमाउंट का भुगतान किया जाता है इतना ही नहीं, यह राइडर विकल्प किसी दुर्घटना में विकलांग होने की स्थिति में भी इंश्योर्ड को कवरेज उपलब्ध कराता है एक्सीडेंटल डिसएबिलिटी सम एश्योर्ड अमाउंट 10 साल की अवधि के लिए समान मासिक किस्तों में इंश्योर्ड व्यक्ति को प्रदान किया जाता है पॉलिसी का भविष्य में जमा किया जाने वाला प्रीमियम भी माफ

LIC एक्‍सीडेंट बेनिफिट राइडर

पॉलिसी होल्‍डर बेस प्लान के प्रीमियम भुगतान की अवधि के दौरान कभी भी इस राइडर के विकल्प को चुन सकता है, बशर्ते कि बेस प्‍लान की आउटस्‍टैंडिंग PPT कम से कम 5 साल हो इस राइडर विकल्प में, दुर्घटना से 180 दिन के भीतर इंश्योर्ड व्यक्ति की मृत्यु होने की स्थिति में पॉलिसी के नामिनी को एक्सीडेंटल डेथ बैनिफिट सम एश्योर्ड का भुगतान किया जाता है

टर्म एश्‍योरेंस राइडर

इस राइडर विकल्प को पॉलिसी की शुरूआत के समय लिया जा सकता है यह राइडर पॉलिसी की अवधि के दौरान इंश्योर्ड व्यक्ति की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के मामले में पॉलिसी के लाभार्थी को एडिशनल टर्म एश्योरेंस के रूप में अतिरिक्त सम एश्योर्ड का बैनिफिट देता है । टर्म एश्योरेंस राइडर बैनिफिट, पॉलिसी द्वारा पेश बेसिक डेथ बैनिफिट के साथ मिलता है

 क्रिटिकल इलनेस राइडर

क्रिटिकल इलनेस राइडर बैनिफिट को पॉलिसी शुरू करने के समय खरीदा जा सकता है यदि इंश्योर्ड व्यक्ति इस राइडर के तहत लिखित 15 क्रिटिकल बीमारियों में से किसी एक से पीड़ित पाया जाता है तो वह पॉलिसी अवधि के दौरान इस राइडर विकल्प के तहत पेश बैनिफिट को प्राप्त कर सकता है

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इस राइडर विकल्प के तहत, इंश्योर्ड व्यक्ति की  दुर्भाग्यवश मृत्यु हो जाने पर प्लान के भविष्य में अदा किए जाने वाले सभी प्रीमियम को माफ कर दिया जाता है हालाँकि, यदि बेस प्‍लान की प्रीमियम भुगतान की अवधि राइडर की अवधि से अधिक होती है, तो राइडर की समाप्ति की तारीख से बेस पॉलिसी के तहत आगे के बकाया सभी प्रीमियमलाइफ एश्‍योर्ड के लिए देय होंगे यदि पॉलिसी होल्डर पॉलिसी प्रीमियम का भुगतान करने में विफल रहता है तो यह पेड अप पॉलिसी बन जाएगी

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कारों में CNG किट लगवाने वालों की बढ़ी परेशानी

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कारों में CNG किट लगवाने वालों की बढ़ी परेशानी, बीमा कंपनी कह सकती है NO CLAIM..

CNG Kit In Cars पेट्रोल के लगातार बढ़ रहे दामों से परेशान होकर लोग अब अपनी कारों में सीएनजी किट लगवा रहे हैं लेकिन अत्‍याधुनिक हाईब्रिड कार में सीएनजी लगवाने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है दरअसल इसमें पहले ही पेट्रोल और बैटरी का विकल्प दिया गया है।

पेट्रोल की दिनोंदिन बढ़ती कीमतों के बाद अपनी कारों में सीएनजी किट लगवाने वाले लोग अब परेशानी से गुजर रहे हैं। अत्याधुनिक हाईब्रिड इंजन वाली कारों में सीएनजी किट लगवाने के बाद जब ये लोग क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) जा रहे हैं तब उन्‍हें पता चला कि इसके रजिस्ट्रेशन में पहले ही पेट्रोल और बैटरी का विकल्प दिया गया है। दरअसल तीसरे विकल्‍प के रूप में सीएनजी को रजिस्ट्रेशन कार्ड में जगह नहीं दी जा सकती। ऐसे में लोग परेशान हो आरटीओ और डीलरों के चक्‍कर काटने में लगे हुए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार पेट्रोल की कीमत के बढ़ने के साथ-साथ वाहनों में सीएनजी किट लगवाने वालों की संख्‍या भी बहुत तेजी से बढ़ रही है। लोग सीएनजी किट लगी कारें ही खरीद रहे हैं या नई कारों में ही सीएनजी किट लगवा रहे हैं। किट लगवाने के बाद जब वाहन का रजिस्ट्रेशन कार्ड को अपडेट करवाने वे लोग आरटीओ कार्यालय पहुंचते हैं तो पता चलता है कि उनकी कार को इंजन हाइब्रिड है जिसकी वजह से रजिस्ट्रेशन कार्ड को अपडेट करना मुश्किल है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

आटोमोबाइल शो रूम के जनरल मैनेजर के अनुसार उनके पास हर रोज ऐसे बहुत से लोग आ रहे हैं जिन्‍होंने अभी हाल ही में अपनी कार में सीएनजी किट लगवायी है। वह कार के दस्‍तावेजों में इसे दर्ज करने की मांग करते हैं लेकिन ये हमारे लिए संभव नहीं है दरअसल उनकी कारों में पहले ही पेट्रोल और बैटरी का विकल्प दिया गया है।आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि इस समस्‍या को लेकर स्मार्ट चिप कंपनी से बात करने के बाद मुख्यालय से भी सलाह मांगी गई है।

आरटीओ कार्यालय पहुंच पता चलती है गड़बड़ी

इस बारे में जानकारी न होने की वजह से जब वाहन मालिक आरटीओ कार्यालय पहुंचता है तो उसे पता चलता है कि उसकी गाड़ी में हाइब्रिड इंजन लगा हुआ है। इस वजह से उसे अपडेट नहीं किया जा सकता। जानकारी के अभाव में लोग सीएनजी किट तो लगवा चुके हैं लेकिन अब परेशानी से जूझ रहे हैं। परेशान वाहन मालिक आरटीओ से मांग कर रहे हैं कि उन्‍हें लिख कर दे दिया जाये कि उनकी गाड़ी हाईब्रिड नहीं पेट्रोल से चलने वाली है लेकिन आरटीओ का कहना है कि ये उनके स्‍तर पर संभव नहीं है।

बीमा कंपनी कह सकती है NO CLAIM

बीमा कंपनी के अधिकारी के अनुसार अगर वाहन खरीदने के बाद आप अपने वाहन में किसी भी तरह का बदलावा करवा रहे हैं तो इसकी जानकारी आरटीओ कार्यालय में देना अनिवार्य है और बीमा कंपनी को भी जरूर अवगत करवायें। ऐसा न होने पर यदि आप वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने पर क्‍लेम के लिए आवेदन करते हैं तो बीमा कंपनी इसे सीधे खारिज कर देगी।

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+91 99998 50023, +91 93508 60023

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LIC Jeevan Umang Policy : मात्र 1302 रु के मासिक प्रीमियम पर 27.60 लाख रुपये मिल रहे हैं

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LIC Jeevan Umang Policy :

LIC पॉलिसी मात्र 1302 रु के मासिक प्रीमियम पर 27.60 लाख रुपये मिल रहे हैं

 

LIC Jeevan Umang Policy : देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (insurance company LIC) के आईपीओ की चर्चा इन दिनों जोरों पर है. हर कोई इसमें निवेश कर मोटी रकम कमाने का मौका ढूंढ रहा है। लेकिन आप चाहें तो एलआईसी (LIC) की कुछ खास स्कीमों में पैसा लगाकर मोटी कमाई कर सकते हैं और साथ ही अपना और अपने परिवार का भविष्य भी सुरक्षित कर सकते हैं. आइए आज हम आपको एलआईसी की ऐसी ही एक खास पॉलिसी के बारे में बताते हैं।

एलआईसी जीवन उमंग पॉलिसी (LIC Jeevan Umang Plan) एक बंदोबस्ती योजना है, जिसमें आपको बीमा के साथ परिपक्वता राशि मिलती है। आइए जानते हैं इस पॉलिसी के बारे में।

एलआईसी जीवन उमंग पॉलिसी एक बंदोबस्ती योजना है

जीवन उमंग नीति (Jeevan Umang Plan) कई मायनों में अन्य योजनाओं से अलग है। 90 दिन से लेकर 55 साल तक के लोग इस पॉलिसी को ले सकते हैं। यह एक बंदोबस्ती योजना है। इसमें लाइफ कवर के साथ मैच्योरिटी पर एकमुश्त रकम मिलती है। मैच्योरिटी के बाद हर साल आपके खाते में फिक्स्ड इनकम आएगी। वहीं, पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद उसके परिवार के सदस्यों और नॉमिनी को एकमुश्त राशि मिलेगी। इस योजना की एक और विशेषता यह है कि यह 100 साल तक की कवरेज प्रदान करती है।

इस तरह 27.60 लाख की राशि प्राप्त होगी

अगर कोई व्यक्ति इस पॉलिसी में हर महीने 1302 रुपये का प्रीमियम देता है। तो एक साल में वह राशि 15,298 रुपये है। अगर यह पॉलिसी 30 साल बाद चलाई जाती है तो नेट अमाउंट करीब 4.58 लाख रुपए हो जाता है। कंपनी आपके निवेश पर 31वें साल से आपको हर साल 40 हजार का रिटर्न देना शुरू कर देती है। अगर आप 31 साल से लेकर 100 साल तक सालाना 40 हजार का रिटर्न लेते हैं तो आपको करीब 27.60 लाख रुपये मिलते हैं.

पॉलिसीधारक को टर्म राइडर का भी लाभ मिलता है

इस पॉलिसी (LIC Jeevan Umang Policy) के तहत, निवेशक की आकस्मिक मृत्यु या विकलांगता के मामले में टर्म राइडर बेनिफिट भी उपलब्ध है। यह नीति बाजार जोखिम से प्रभावित नहीं है। इस पॉलिसी पर निश्चित रूप से एलआईसी (LIC) के लाभ और हानि का प्रभाव पड़ता है। इस पॉलिसी (Jeevan Umang Policy) को लेने पर इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट भी मिलती है। अगर कोई जीवन उमंग पॉलिसी का प्लान (LIC Jeevan Umang Scheme) लेना चाहता है तो उसे कम से कम दो लाख रुपए का बीमा लेना होगा।

एलआईसी जीवन उमंग की विशेषताएं

नीचे उल्लिखित एलआईसी जीवन उमंग योजना (LIC Jeevan Umang Policy) की प्रमुख विशेषताएं हैं:

  • यह नियमित आय और एकमुश्त भुगतान दोनों का एक संयोजन है।
  • 15 साल, 20 साल, 25 साल या 30 साल की प्रीमियम भुगतान अवधि चुनने का विकल्प प्रदान करता है।
  • यह मुनाफे के साथ एक गैर-लिंक्ड जीवन बीमा योजना है।
  • पॉलिसीधारक के 100 वर्ष के होने तक जीवन बीमा प्रदान करता है।
  • यदि पॉलिसी धारक ने नियमित रूप से 3 वर्षों के लिए प्रीमियम का भुगतान किया है और यदि योजना एक समर्पण
  • मूल्य पर पहुंच गई है, तो समर्पण मूल्य के 90% तक ऋण सुविधा प्रदान करता है।
  • एलआईसी जीवन उमंग प्लान (LIC Jeevan Umang Policy) एक साधारण प्रत्यावर्ती बोनस के साथ-साथ अंतिम अतिरिक्त बोनस प्रदान करता है यदि कोई हो।

जीवन उमंग योजना के लाभ

एलआईसी जीवन उमंग योजना (LIC Jeevan Umang Policy) नीचे बताए अनुसार कई लाभ प्रदान करती है:

मृत्यु लाभ: जोखिम शुरू होने की तारीख से पहले बीमित व्यक्ति की मृत्यु के मामले में, एलआईसी नामांकित व्यक्ति को ब्याज के बिना भुगतान किए गए सभी प्रीमियम वापस कर देगा। हालांकि, अगर जोखिम शुरू होने की तारीख के बाद पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है, तो एलआईसी (LIC) नामांकित व्यक्ति को बीमा राशि की पेशकश करेगा। इसमें साधारण प्रत्यावर्ती बोनस के साथ-साथ अंतिम अतिरिक्त बोनस भी शामिल होगा यदि कोई हो।

परिपक्वता लाभ: पॉलिसी (Policy) की परिपक्वता के मामले में, यदि सभी प्रीमियमों का भुगतान नियमित रूप से किया गया है, तो बीमा कंपनी साधारण प्रत्यावर्ती बोनस के साथ-साथ अंतिम अतिरिक्त बोनस यदि कोई हो, के साथ बीमित राशि का भुगतान करती है।

उत्तरजीविता लाभ: यदि बीमित व्यक्ति पॉलिसी (LIC Policy) भुगतान अवधि तक जीवित रहता है, तो गारंटीकृत उत्तरजीविता लाभ के रूप में हर साल बीमित राशि का 8% भुगतान किया जाता है। इस लाभ का भुगतान योजना की परिपक्वता या बीमित व्यक्ति की मृत्यु, जो भी पहले हो, तक किया जाता है।

ऋण: एलआईसी जीवन उमंग (LIC Jeevan Umang)आपके द्वारा पॉलिसी अवधि के 3 वर्ष पूरे करने पर और यदि प्रीमियम का नियमित रूप से भुगतान किया जाता है, तो समर्पण मूल्य के 90% तक ऋण सुविधा प्रदान करता है। ऋण सुविधा (Loan) के लिए पात्र होने के लिए पॉलिसी को एक समर्पण मूल्य भी प्राप्त करना चाहिए था।

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टर्म इंश्योरेंस खरीदना 30 फीसदी तक महंगा होगा, अपने ग्राहकों से इनकम प्रूफ, बैंक स्टेटमेंट की मांग कर सकती हैं कंपनियां

टर्म इंश्योरेंस खरीदना 30 फीसदी तक महंगा होगा, अपने ग्राहकों से इनकम प्रूफ, बैंक स्टेटमेंट की मांग कर सकती हैं कंपनियां

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टर्म इंश्योरेंस खरीदना 30 फीसदी तक महंगा होगा, अपने ग्राहकों से इनकम प्रूफ, बैंक स्टेटमेंट की मांग कर सकती हैं कंपनियां.

टर्म इंश्योरेंस खरीदना एक बार फिर महंगा हो सकता है। बीमा कंपनियां टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम में 25% से 30% की बढ़ोतरी की तैयारी में है। बीमा कंपनियों से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है।  मिली जानकारी के अनुसार आठ से 10 कंपनियां टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम में इस साल के अंत से बढ़ोतरी की योजना बनाई है। इस बार प्रीमियम में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।

वहीं, पहले से लिए टर्म प्लान के प्रीमियम पर कंपनियों ने 30% से 40% की बढ़ोतरी कर दी है। गौरतलब है कि इससे पहले भी बीमा कंपनियों ने मार्च में पॉलिसी की नवीकरण पर चार से पांच फीसदी अधिक प्रीमियम वसूला था। इस तरह एक साल में दूसरी बार बीमा कंपनियां टर्म इंश्योरेंस के प्रीमिमय में बढ़ोतरी करने जा रही है।

क्यों महंगा हो रहा टर्म इंश्योरेंस

टर्म इंश्योरेंस महंगा होने के बारे में बीमा कंपनियों का कहना है कि उन पर री-इंश्योरेंस कंपनियों का बेहद दबाव है। यही वजह है कि इंश्योरेंस कंपनियों को प्रीमियम का पैसा बढ़ाना पड़ रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि री-इंश्योरेंस की अंडरराइटिंग में सख्ती बरती गई है, जिससे इंश्योरेंस महंगा हो रहा है। कुछ अन्य जो बदलाव हो सकते हैं, उनमें बीमा कंपनियां अपने ग्राहकों से इनकम प्रूफ, बैंक स्टेटमेंट की मांग कर सकती हैं। अभी तक ऐसे कागजात नहीं मांगे जा रहे थे। कंपनियां मेडिकल चेकअप के शर्तों को भी सख्त कर सकती हैं।

कोरोना के चलते जोखिम बढ़ा

इंश्योरेंस अंडरराइटिंग के आधार पर इंश्योरेंस कंपनियां प्रीमियम तय करती हैं। अंडरराइटिंग में जितना जोखिम होगा, प्रीमियम उतना ही महंगा हो सकता है। कोरोना महामारी के चलते जोखिम बढ़ा है। इसलिए कंपनियों का कहना है कि उनके पास प्रीमियम बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। गौरतलब है कि कोरोना से हुए लाखों लोगों की आकस्मिक मौत के कारण बीमा कंपनियों पर वित्तीय बोझ बढ़ा है। इसको देखते हुए बीमा कंपनियों ने प्रीमियम में बढ़ोतरी का फैसला किया है।

Source:

नई दिल्ली,
(अपडेटेड Fri, 01 Oct 2021 11:24 AM)

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कोरोना से मौत के मामलों में सिर्फ 14% के पास था बीमा, इलाज में खत्म हुई लोगों की जमापूंजी

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कोरोना से मौत के मामलों में सिर्फ 14% के पास था बीमा, इलाज में खत्म हुई लोगों की जमापूंजी

देश में कोरोना से अब तक करीब 3.91 लाख लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इसमें से बीमा कवर मात्र 14% के पास ही था

देश में बीमा कवरेज का क्या हाल है इसका अंदाजा आपको कोरोना से मौत के मामलों में किए गए क्लेम से लग सकता है. देश में कोरोना से अब तक करीब 3.91 लाख लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इसमें से बीमा कवर मात्र 14% के पास ही था. वहीं कोरोना के इलाज में लोगों ने अपनी जीवनभर की बचत, जमा पूंजी, जमीन-जायदाद और गहने तक बेच दिए

55,276 लोगों को मिला बीमा क्लेम

देश में कोरोना से अब तक 3.91 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें से सिर्फ 55,276 मौतों के लिए ही बीमा क्लेम किया गया. यानी कोरोना से हुई मौत के करीब 14% मामलों में ही बीमा क्लेम किया गया. ये देश में बीमा कवरेज की हालात बयां करने के लिए काफी है.

3,593 करोड़ रुपये के क्लेम सेटल

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) की सदस्य (गैर-जीवन बीमा) एल. अलामेलू का कहना है कि सभी बीमा कंपनियों के पास कोविड से मौत के कुल 55,276 क्लेम आए, इसमें से करीब 88% यानी 48,484 मामलों में 3,593 करोड़ रुपये के क्लेम को सेटल किया जा चुका है.

हेल्थ इंश्योरेंस में 15,000 करोड़ के क्लेम

वहीं दूसरी तरफ हेल्थ इंश्योरेंस कैटेगरी में 22 जून तक कंपनियों को 19.11 लाख क्लेम हासिल हुए. इसमें से करीब 80% यानी 15.39 लाख से अधिक 15,000 करोड़ रुपये के बीमा दावों का निपटारा किया जा चुका है. ये दावे मेडिकल इंश्योरेंस या हॉस्पिटलाइजेशन से जुड़े हैं.

मात्र 4% दावे हुए खारिज

हेल्थ इंश्योरेंस के मामले में मात्र 4% और जीवन बीमा के मामले में मात्र 0.66% दावे ही खारिज हुए. ये लगभग नगण्य स्थिति है.

खत्म हुई जीवनभर की बचत

अलामेलू कहती हैं कि एक तरफ देश में कोरोना से मौत के मामलों के इतने कम दावे आए. वहीं दूसरी तरफ कोरोना के इलाज में लोगों की जीवनभर की बचत खत्म हो गई, गहने, जमीन-जायदाद बिक गए. इसमें गरीबी रेखा से नीचे वाले लोग भी शामिल हैं.

ऐसे में ये दिखाता है कि देश में बीमा उत्पादों की कितनी जरूरत है. और बीमा कंपनियों के पास कितना बड़ा अवसर है.

अलामेलू का कहना है कि बीमा उद्योग और नियामक दोनों ने इस मुश्किल वक्त की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नई पॉलिसियां डिजाइन कीं. यहां तक कि पॉलिसी धारकों के लिए कुछ प्रक्रियाओं को भी आसान किया गया.

बीते साल हेल्थ और जीवन बीमा को मिलाकर इंश्योरेंस सेक्टर ने 9% की ग्रोथ दर्ज की थी, जबकि चालू वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीनों में ये 17% है.

कंपनियां बरत रही सावधानी

लेकिन जैसे-जैसे देश में कोरोना की मौतों की संख्या बढ़ रही हैं. बीमा कंपनियां नए बीमा देने को लेकर चौकन्नी हो गई हैं. वो ग्राहकों से वैक्सीन प्रमाणपत्र और मेडिकल चेक-अप जैसी जानकारियां मांग रही हैं.

 

Source:

नई दिल्ली,
25 जून 2021,
(अपडेटेड 25 जून 2021, 7:00 PM IST)

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