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केवल सौ रुपये रोज के 16 साल तक हर साल दीजिये

सोलहवें साल से पच्चीसवें साल तक प्रीमियम हॉलिडे, यानी कि प्रीमियम नहीं देना होगा।

पच्चीस साल पूरे होते ही गारण्टी के साथ इक्कीस लाख साठ हजार ले लीजिये।

 

LIC जीवन लाभ एक पार्टिसिपेटिंग नॉन-लिंक्ड  लिमिटेड प्रीमियम पेइंग इंडीविजुअल सेविंग्स प्‍लान है, जो देता है सेविंग्स और प्रोटेक्शन का एक साथ बैनिफिट LIC जीवन लाभ कोई अनहोनी होने की सूरत में न केवल इंश्योर्ड के परिवार को फाइनैन्शल मदद उपलब्ध कराता है बल्कि इंश्योर्ड व्यक्ति के नहीं रहने पर भी भविष्य में परिवार की फाइनैन्शल जरूरतों का ध्यान रखता है

अगर कोई व्यक्ति 20 साल की उम्र में 25 साल की टर्म प्लान और 8 लाख सम एश्योर्ड का विकल्प चुनता है, तो उसे 16 साल के लिए 100 रुपये प्रति दिन का भुगतान करना होगा. इस तरह उसे कुल 573796 रुपये चुकाने होंगे. यह रकम मैच्योरिटी पर यानी 45 साल की उम्र में 21,60,000 रुपये हो जाएगी. इस पॉलिसी का शेयर बाजार से कोई संबंध नहीं है, यानी इस योजना में आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है. कंपनी ने यह प्लान बच्चों की शादी, शिक्षा और संपत्ति की खरीद के लिए बनाया है

भारत में एक प्रमुख इंश्योरेंस प्रोवाइडर होने के नाते,जब इंश्योरेंस कवर खरीदने की बात आती है तो LIC पॉलिसी  ग्राहकों के लिए लोकप्रिय पसंद हैं  LIC द्वारा पेश पॉलिसियों की बहुत ही विस्तृत रेंज के साथ, LIC जीवन लाभ LIC आफ इंडिया द्वारा पेश एक सबसे अधिक बिकने वाला एन्डाउमेंट इंश्योरेंस प्लान है LIC जीवन लाभ इंश्योरेंस खरीदने वालों के लिए बहुत से बैनिफिट के साथ आता है जीवन लाभ पॉलिसी के बारे में विस्तार से जानने के लिए, आइए, इसके बारे में पढ़ते हैं

LIC जीवन लाभ प्लान- विशेषताएं

LIC जीवन लाभ प्लान की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • यह प्लान लिमिटेड प्रीमियम पेमेंट का विकल्प उपलब्ध कराता है
  • यह प्लान 16, 21 और 25 साल के पॉलिसी टर्म पर उपलब्ध है जो इन्वेस्टर्स के लिए किसी खास लक्ष्य को सामने रखकर निवेश को आसान बनाता है
  • यह नॉन लिंक्ड, प्रौफिट प्लान मृत्यु और मैच्योरिटी बैनिफिट के रूप में इन्वेस्टसर्स को काम्प्रिहेन्सिव प्रोटेक्शन के साथ ही एश्योर्ड रिटर्न दोनों सुनिश्चित करता है
  • पॉलिसी होल्डर तीन साल के लिए रेग्यूलर प्रीमियम का भुगतान करने के बाद इस प्लान पर ऋण सुविधा प्राप्त कर सकता है
  • आय कर अधिनियम, 1961के नियम 80C और 10(10D) के तहत टैक्स बैनिफिट प्राप्त किया जा सकता है
  • यह प्लान डेथ बैनिफिट को किश्तों में प्राप्त करने का विकल्प देता है

LIC जीवन लाभ बैनिफिट

LIC जीवन लाभ प्लान द्वारा पेश बैनिफिट निम्न प्रकार से हैं

डेथ बैनिफिट

यदि पॉलिसी अवधि के दौरान इंश्योर्ड व्यक्ति किसी अनहोनी का शिकार हो जाता है तो इंश्योरर पॉलिसी के लाभार्थी को डेथ बैनिफिट का भुगतान करता है पॉलिसी के लाभार्थी को वेस्‍टेड रिवर्सनरी बोनस और अंतिम अतिरिक्‍त बोनस (यदि कोई हो) के साथ सम एश्योर्ड की राशि के रूप में डेथ बेनेफिट का भुगतान किया जाता है।  डेथ पर सम एश्यार्ड को निम्न तरीके से परिभाषित किया गया है:

  • वार्षिक प्रीमियम से 7 गुना ज्यादा
  • बेसिक सम एश्‍योर्ड अमाउंट

पाॉलिसी के नामनी को दिया जाने वाला डेथ बेनिफिट भुगतान किए गए कुल प्रीमियम का 105% से कम नहीं होना चाहिए।

मैच्योरिटी बेनिफिट

अगर इंश्योरेंस कराने वाला व्यक्ति पूरे पॉलिसी टर्म के बाद जीवित रहता है और उसने पॉलिसी के पूरे प्रीमियम का भुगतान किया है और पॉलिसी चालू है तो मैच्योरिटी बैनिफिट इंश्योर्ड व्यक्ति को वेस्टेड सिम्पल रिवर्सनरी बोनस और फाइनल एडिशनल बोनस, अगर कोई हो तो, के साथ मैच्योरिटी पर सम एश्योर्ड के रूप में प्रदान किया जाता है मैच्‍योरिटी पर देय सम एश्योर्ड, पॉलिसी की बेसिक सम एश्योर्ड राशि के बराबर होता है।

प्रौफिट में भागीदारी

पॉलिसी कॉर्पोरेशन के प्रौफिट में पार्टिसिपेट करती है और वह कापोर्रेशन के अनुभव के अनुसार सिम्पल रिवसर्सनरी बोनस पाने की हकदार है लेकिन इसके लिए पाॉलिसी का चालू रहना जरूरी है जिस साल में क्लेम किया जाता है, चाहे डेथ या मैच्योरिटी के रूप में, उस साल पॉलिसी के तहत फाइनल एडिशनल बोनस घोषित किया जाता है

टैक्‍स बेनिफिट

पॉलिसी होल्डर, पॉलिसी के तहत टैक्स बैनिफिट का लाभ ले सकता है । एक फाइनैन्शल ईयर में पॉलिसी के लिए प्रीमियम भुगतान की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रू है और मैच्योरिटी से प्राप्त आय को इनकम टैक्स एक्ट सेक्शन 80C और 10(10D) के तहत टैक्स से छूट प्राप्त है

LIC जीवन लाभ प्‍लान एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया

आइए पॉलिसी के एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया पर एक नजर डालते हैं

क्राइटेरिया न्यूनतम अधिकतम
प्रवेश आयु 8 साल

PT 16 के लिए 59 वर्ष

PT 21 के लिए 54 वर्ष

PT 25 के लिए 50 वर्ष

सम अश्‍योर्ड Rs.2,00,000 कोई अपर लिमिट नहीं
मैच्योरिटी आयु N/A /लागू नहीं 75 वर्ष
पॉलिसी अवधि 16, 21 और 25 वर्ष
प्रीमियम के भुगतान की अवधि 10, 15 & 16 वर्ष

LIC जीवन लाभ राइडर्स

LIC जीवन लाभ पॉलिसी के तहत, पांच वैकल्पिक राइडर्स हैं जिन्हें पॉलिसी होल्डर एडिशनल प्रीमियम का भुगतान कर प्राप्त कर सकता है पॉलिसी के कवरेज को बढ़ाने के लिए राइडर्स बैनिफिट को बेस प्लान के साथ खरीदा जा सकता है। आइए, विस्तार से इन 5 वैकल्पिक राइडर बैनिफिट को देखते हैं

एक्सीडेंटल डेथ और डिसएबिलिटी बेनिफिट राइडर

पॉलिसी होल्‍डर बेस प्लान के प्रीमियम भुगतान की अवधि के दौरान कभी भी इस राइडर के विकल्प को चुन सकता है, बशर्ते कि बेस प्‍लान की आउटस्‍टैंडिंग PPT कम से कम 5 साल हो पॉलिसी के कवरेज को बढ़ाने के लिए बेस प्‍लान के साथ अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करके इस राइडर बेनिफिट को खरीदा जा सकता है। इस राइडर विकल्प में, बेस प्लान के तहत उपलब्ध डेथ बैनिफिट के साथ प्लान के नामिनी को एक्सीडेंटल डेथ बैनिफिट सम एश्योर्ड अमाउंट का भुगतान किया जाता है इतना ही नहीं, यह राइडर विकल्प किसी दुर्घटना में विकलांग होने की स्थिति में भी इंश्योर्ड को कवरेज उपलब्ध कराता है एक्सीडेंटल डिसएबिलिटी सम एश्योर्ड अमाउंट 10 साल की अवधि के लिए समान मासिक किस्तों में इंश्योर्ड व्यक्ति को प्रदान किया जाता है पॉलिसी का भविष्य में जमा किया जाने वाला प्रीमियम भी माफ

LIC एक्‍सीडेंट बेनिफिट राइडर

पॉलिसी होल्‍डर बेस प्लान के प्रीमियम भुगतान की अवधि के दौरान कभी भी इस राइडर के विकल्प को चुन सकता है, बशर्ते कि बेस प्‍लान की आउटस्‍टैंडिंग PPT कम से कम 5 साल हो इस राइडर विकल्प में, दुर्घटना से 180 दिन के भीतर इंश्योर्ड व्यक्ति की मृत्यु होने की स्थिति में पॉलिसी के नामिनी को एक्सीडेंटल डेथ बैनिफिट सम एश्योर्ड का भुगतान किया जाता है

टर्म एश्‍योरेंस राइडर

इस राइडर विकल्प को पॉलिसी की शुरूआत के समय लिया जा सकता है यह राइडर पॉलिसी की अवधि के दौरान इंश्योर्ड व्यक्ति की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के मामले में पॉलिसी के लाभार्थी को एडिशनल टर्म एश्योरेंस के रूप में अतिरिक्त सम एश्योर्ड का बैनिफिट देता है । टर्म एश्योरेंस राइडर बैनिफिट, पॉलिसी द्वारा पेश बेसिक डेथ बैनिफिट के साथ मिलता है

 क्रिटिकल इलनेस राइडर

क्रिटिकल इलनेस राइडर बैनिफिट को पॉलिसी शुरू करने के समय खरीदा जा सकता है यदि इंश्योर्ड व्यक्ति इस राइडर के तहत लिखित 15 क्रिटिकल बीमारियों में से किसी एक से पीड़ित पाया जाता है तो वह पॉलिसी अवधि के दौरान इस राइडर विकल्प के तहत पेश बैनिफिट को प्राप्त कर सकता है

प्रीमियम वेवर बेनिफिट

इस राइडर विकल्प के तहत, इंश्योर्ड व्यक्ति की  दुर्भाग्यवश मृत्यु हो जाने पर प्लान के भविष्य में अदा किए जाने वाले सभी प्रीमियम को माफ कर दिया जाता है हालाँकि, यदि बेस प्‍लान की प्रीमियम भुगतान की अवधि राइडर की अवधि से अधिक होती है, तो राइडर की समाप्ति की तारीख से बेस पॉलिसी के तहत आगे के बकाया सभी प्रीमियमलाइफ एश्‍योर्ड के लिए देय होंगे यदि पॉलिसी होल्डर पॉलिसी प्रीमियम का भुगतान करने में विफल रहता है तो यह पेड अप पॉलिसी बन जाएगी

LIC जीवन लाभ कैसे काम करता है

LIC जीवन लाभ को 8 से 58 साल आयु वर्ग के बीच के लोग प्राप्त कर सकते हैं । यह लिमिटेड प्रीमियम पेइंग एन्डाउमेंट प्लान, किसी इमरजेंसी की स्थिति में नामिनी को डेथ बैनिफिट सुनिश्चित करता है और यदि इंश्योर्ड व्यक्ति पॉलिसी की पूरी अवधि के बाद जीवित रहता है तो उसे मैच्योरिटी बैनिफिट भी प्रदान करता है पॉलिसी ऋण सुविधा के माध्यम से परिवार की  धन की जरूरतों का भी ध्यान रखती है

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कारों में CNG किट लगवाने वालों की बढ़ी परेशानी

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कारों में CNG किट लगवाने वालों की बढ़ी परेशानी, बीमा कंपनी कह सकती है NO CLAIM..

CNG Kit In Cars पेट्रोल के लगातार बढ़ रहे दामों से परेशान होकर लोग अब अपनी कारों में सीएनजी किट लगवा रहे हैं लेकिन अत्‍याधुनिक हाईब्रिड कार में सीएनजी लगवाने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है दरअसल इसमें पहले ही पेट्रोल और बैटरी का विकल्प दिया गया है।

पेट्रोल की दिनोंदिन बढ़ती कीमतों के बाद अपनी कारों में सीएनजी किट लगवाने वाले लोग अब परेशानी से गुजर रहे हैं। अत्याधुनिक हाईब्रिड इंजन वाली कारों में सीएनजी किट लगवाने के बाद जब ये लोग क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) जा रहे हैं तब उन्‍हें पता चला कि इसके रजिस्ट्रेशन में पहले ही पेट्रोल और बैटरी का विकल्प दिया गया है। दरअसल तीसरे विकल्‍प के रूप में सीएनजी को रजिस्ट्रेशन कार्ड में जगह नहीं दी जा सकती। ऐसे में लोग परेशान हो आरटीओ और डीलरों के चक्‍कर काटने में लगे हुए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार पेट्रोल की कीमत के बढ़ने के साथ-साथ वाहनों में सीएनजी किट लगवाने वालों की संख्‍या भी बहुत तेजी से बढ़ रही है। लोग सीएनजी किट लगी कारें ही खरीद रहे हैं या नई कारों में ही सीएनजी किट लगवा रहे हैं। किट लगवाने के बाद जब वाहन का रजिस्ट्रेशन कार्ड को अपडेट करवाने वे लोग आरटीओ कार्यालय पहुंचते हैं तो पता चलता है कि उनकी कार को इंजन हाइब्रिड है जिसकी वजह से रजिस्ट्रेशन कार्ड को अपडेट करना मुश्किल है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

आटोमोबाइल शो रूम के जनरल मैनेजर के अनुसार उनके पास हर रोज ऐसे बहुत से लोग आ रहे हैं जिन्‍होंने अभी हाल ही में अपनी कार में सीएनजी किट लगवायी है। वह कार के दस्‍तावेजों में इसे दर्ज करने की मांग करते हैं लेकिन ये हमारे लिए संभव नहीं है दरअसल उनकी कारों में पहले ही पेट्रोल और बैटरी का विकल्प दिया गया है।आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि इस समस्‍या को लेकर स्मार्ट चिप कंपनी से बात करने के बाद मुख्यालय से भी सलाह मांगी गई है।

आरटीओ कार्यालय पहुंच पता चलती है गड़बड़ी

इस बारे में जानकारी न होने की वजह से जब वाहन मालिक आरटीओ कार्यालय पहुंचता है तो उसे पता चलता है कि उसकी गाड़ी में हाइब्रिड इंजन लगा हुआ है। इस वजह से उसे अपडेट नहीं किया जा सकता। जानकारी के अभाव में लोग सीएनजी किट तो लगवा चुके हैं लेकिन अब परेशानी से जूझ रहे हैं। परेशान वाहन मालिक आरटीओ से मांग कर रहे हैं कि उन्‍हें लिख कर दे दिया जाये कि उनकी गाड़ी हाईब्रिड नहीं पेट्रोल से चलने वाली है लेकिन आरटीओ का कहना है कि ये उनके स्‍तर पर संभव नहीं है।

बीमा कंपनी कह सकती है NO CLAIM

बीमा कंपनी के अधिकारी के अनुसार अगर वाहन खरीदने के बाद आप अपने वाहन में किसी भी तरह का बदलावा करवा रहे हैं तो इसकी जानकारी आरटीओ कार्यालय में देना अनिवार्य है और बीमा कंपनी को भी जरूर अवगत करवायें। ऐसा न होने पर यदि आप वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने पर क्‍लेम के लिए आवेदन करते हैं तो बीमा कंपनी इसे सीधे खारिज कर देगी।

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LIC Jeevan Umang Policy : मात्र 1302 रु के मासिक प्रीमियम पर 27.60 लाख रुपये मिल रहे हैं

LIC Jeevan Umang Policy : मात्र 1302 रु के मासिक प्रीमियम पर 27.60 लाख रुपये मिल रहे हैं

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LIC Jeevan Umang Policy :

LIC पॉलिसी मात्र 1302 रु के मासिक प्रीमियम पर 27.60 लाख रुपये मिल रहे हैं

 

LIC Jeevan Umang Policy : देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (insurance company LIC) के आईपीओ की चर्चा इन दिनों जोरों पर है. हर कोई इसमें निवेश कर मोटी रकम कमाने का मौका ढूंढ रहा है। लेकिन आप चाहें तो एलआईसी (LIC) की कुछ खास स्कीमों में पैसा लगाकर मोटी कमाई कर सकते हैं और साथ ही अपना और अपने परिवार का भविष्य भी सुरक्षित कर सकते हैं. आइए आज हम आपको एलआईसी की ऐसी ही एक खास पॉलिसी के बारे में बताते हैं।

एलआईसी जीवन उमंग पॉलिसी (LIC Jeevan Umang Plan) एक बंदोबस्ती योजना है, जिसमें आपको बीमा के साथ परिपक्वता राशि मिलती है। आइए जानते हैं इस पॉलिसी के बारे में।

एलआईसी जीवन उमंग पॉलिसी एक बंदोबस्ती योजना है

जीवन उमंग नीति (Jeevan Umang Plan) कई मायनों में अन्य योजनाओं से अलग है। 90 दिन से लेकर 55 साल तक के लोग इस पॉलिसी को ले सकते हैं। यह एक बंदोबस्ती योजना है। इसमें लाइफ कवर के साथ मैच्योरिटी पर एकमुश्त रकम मिलती है। मैच्योरिटी के बाद हर साल आपके खाते में फिक्स्ड इनकम आएगी। वहीं, पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद उसके परिवार के सदस्यों और नॉमिनी को एकमुश्त राशि मिलेगी। इस योजना की एक और विशेषता यह है कि यह 100 साल तक की कवरेज प्रदान करती है।

इस तरह 27.60 लाख की राशि प्राप्त होगी

अगर कोई व्यक्ति इस पॉलिसी में हर महीने 1302 रुपये का प्रीमियम देता है। तो एक साल में वह राशि 15,298 रुपये है। अगर यह पॉलिसी 30 साल बाद चलाई जाती है तो नेट अमाउंट करीब 4.58 लाख रुपए हो जाता है। कंपनी आपके निवेश पर 31वें साल से आपको हर साल 40 हजार का रिटर्न देना शुरू कर देती है। अगर आप 31 साल से लेकर 100 साल तक सालाना 40 हजार का रिटर्न लेते हैं तो आपको करीब 27.60 लाख रुपये मिलते हैं.

पॉलिसीधारक को टर्म राइडर का भी लाभ मिलता है

इस पॉलिसी (LIC Jeevan Umang Policy) के तहत, निवेशक की आकस्मिक मृत्यु या विकलांगता के मामले में टर्म राइडर बेनिफिट भी उपलब्ध है। यह नीति बाजार जोखिम से प्रभावित नहीं है। इस पॉलिसी पर निश्चित रूप से एलआईसी (LIC) के लाभ और हानि का प्रभाव पड़ता है। इस पॉलिसी (Jeevan Umang Policy) को लेने पर इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट भी मिलती है। अगर कोई जीवन उमंग पॉलिसी का प्लान (LIC Jeevan Umang Scheme) लेना चाहता है तो उसे कम से कम दो लाख रुपए का बीमा लेना होगा।

एलआईसी जीवन उमंग की विशेषताएं

नीचे उल्लिखित एलआईसी जीवन उमंग योजना (LIC Jeevan Umang Policy) की प्रमुख विशेषताएं हैं:

  • यह नियमित आय और एकमुश्त भुगतान दोनों का एक संयोजन है।
  • 15 साल, 20 साल, 25 साल या 30 साल की प्रीमियम भुगतान अवधि चुनने का विकल्प प्रदान करता है।
  • यह मुनाफे के साथ एक गैर-लिंक्ड जीवन बीमा योजना है।
  • पॉलिसीधारक के 100 वर्ष के होने तक जीवन बीमा प्रदान करता है।
  • यदि पॉलिसी धारक ने नियमित रूप से 3 वर्षों के लिए प्रीमियम का भुगतान किया है और यदि योजना एक समर्पण
  • मूल्य पर पहुंच गई है, तो समर्पण मूल्य के 90% तक ऋण सुविधा प्रदान करता है।
  • एलआईसी जीवन उमंग प्लान (LIC Jeevan Umang Policy) एक साधारण प्रत्यावर्ती बोनस के साथ-साथ अंतिम अतिरिक्त बोनस प्रदान करता है यदि कोई हो।

जीवन उमंग योजना के लाभ

एलआईसी जीवन उमंग योजना (LIC Jeevan Umang Policy) नीचे बताए अनुसार कई लाभ प्रदान करती है:

मृत्यु लाभ: जोखिम शुरू होने की तारीख से पहले बीमित व्यक्ति की मृत्यु के मामले में, एलआईसी नामांकित व्यक्ति को ब्याज के बिना भुगतान किए गए सभी प्रीमियम वापस कर देगा। हालांकि, अगर जोखिम शुरू होने की तारीख के बाद पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है, तो एलआईसी (LIC) नामांकित व्यक्ति को बीमा राशि की पेशकश करेगा। इसमें साधारण प्रत्यावर्ती बोनस के साथ-साथ अंतिम अतिरिक्त बोनस भी शामिल होगा यदि कोई हो।

परिपक्वता लाभ: पॉलिसी (Policy) की परिपक्वता के मामले में, यदि सभी प्रीमियमों का भुगतान नियमित रूप से किया गया है, तो बीमा कंपनी साधारण प्रत्यावर्ती बोनस के साथ-साथ अंतिम अतिरिक्त बोनस यदि कोई हो, के साथ बीमित राशि का भुगतान करती है।

उत्तरजीविता लाभ: यदि बीमित व्यक्ति पॉलिसी (LIC Policy) भुगतान अवधि तक जीवित रहता है, तो गारंटीकृत उत्तरजीविता लाभ के रूप में हर साल बीमित राशि का 8% भुगतान किया जाता है। इस लाभ का भुगतान योजना की परिपक्वता या बीमित व्यक्ति की मृत्यु, जो भी पहले हो, तक किया जाता है।

ऋण: एलआईसी जीवन उमंग (LIC Jeevan Umang)आपके द्वारा पॉलिसी अवधि के 3 वर्ष पूरे करने पर और यदि प्रीमियम का नियमित रूप से भुगतान किया जाता है, तो समर्पण मूल्य के 90% तक ऋण सुविधा प्रदान करता है। ऋण सुविधा (Loan) के लिए पात्र होने के लिए पॉलिसी को एक समर्पण मूल्य भी प्राप्त करना चाहिए था।

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टर्म इंश्योरेंस खरीदना 30 फीसदी तक महंगा होगा, अपने ग्राहकों से इनकम प्रूफ, बैंक स्टेटमेंट की मांग कर सकती हैं कंपनियां

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टर्म इंश्योरेंस खरीदना 30 फीसदी तक महंगा होगा, अपने ग्राहकों से इनकम प्रूफ, बैंक स्टेटमेंट की मांग कर सकती हैं कंपनियां.

टर्म इंश्योरेंस खरीदना एक बार फिर महंगा हो सकता है। बीमा कंपनियां टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम में 25% से 30% की बढ़ोतरी की तैयारी में है। बीमा कंपनियों से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है।  मिली जानकारी के अनुसार आठ से 10 कंपनियां टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम में इस साल के अंत से बढ़ोतरी की योजना बनाई है। इस बार प्रीमियम में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।

वहीं, पहले से लिए टर्म प्लान के प्रीमियम पर कंपनियों ने 30% से 40% की बढ़ोतरी कर दी है। गौरतलब है कि इससे पहले भी बीमा कंपनियों ने मार्च में पॉलिसी की नवीकरण पर चार से पांच फीसदी अधिक प्रीमियम वसूला था। इस तरह एक साल में दूसरी बार बीमा कंपनियां टर्म इंश्योरेंस के प्रीमिमय में बढ़ोतरी करने जा रही है।

क्यों महंगा हो रहा टर्म इंश्योरेंस

टर्म इंश्योरेंस महंगा होने के बारे में बीमा कंपनियों का कहना है कि उन पर री-इंश्योरेंस कंपनियों का बेहद दबाव है। यही वजह है कि इंश्योरेंस कंपनियों को प्रीमियम का पैसा बढ़ाना पड़ रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि री-इंश्योरेंस की अंडरराइटिंग में सख्ती बरती गई है, जिससे इंश्योरेंस महंगा हो रहा है। कुछ अन्य जो बदलाव हो सकते हैं, उनमें बीमा कंपनियां अपने ग्राहकों से इनकम प्रूफ, बैंक स्टेटमेंट की मांग कर सकती हैं। अभी तक ऐसे कागजात नहीं मांगे जा रहे थे। कंपनियां मेडिकल चेकअप के शर्तों को भी सख्त कर सकती हैं।

कोरोना के चलते जोखिम बढ़ा

इंश्योरेंस अंडरराइटिंग के आधार पर इंश्योरेंस कंपनियां प्रीमियम तय करती हैं। अंडरराइटिंग में जितना जोखिम होगा, प्रीमियम उतना ही महंगा हो सकता है। कोरोना महामारी के चलते जोखिम बढ़ा है। इसलिए कंपनियों का कहना है कि उनके पास प्रीमियम बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। गौरतलब है कि कोरोना से हुए लाखों लोगों की आकस्मिक मौत के कारण बीमा कंपनियों पर वित्तीय बोझ बढ़ा है। इसको देखते हुए बीमा कंपनियों ने प्रीमियम में बढ़ोतरी का फैसला किया है।

Source:

नई दिल्ली,
(अपडेटेड Fri, 01 Oct 2021 11:24 AM)

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कोरोना से मौत के मामलों में सिर्फ 14% के पास था बीमा, इलाज में खत्म हुई लोगों की जमापूंजी

कोरोना से मौत के मामलों में सिर्फ 14% के पास था बीमा, इलाज में खत्म हुई लोगों की जमापूंजी

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कोरोना से मौत के मामलों में सिर्फ 14% के पास था बीमा, इलाज में खत्म हुई लोगों की जमापूंजी

देश में कोरोना से अब तक करीब 3.91 लाख लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इसमें से बीमा कवर मात्र 14% के पास ही था

देश में बीमा कवरेज का क्या हाल है इसका अंदाजा आपको कोरोना से मौत के मामलों में किए गए क्लेम से लग सकता है. देश में कोरोना से अब तक करीब 3.91 लाख लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इसमें से बीमा कवर मात्र 14% के पास ही था. वहीं कोरोना के इलाज में लोगों ने अपनी जीवनभर की बचत, जमा पूंजी, जमीन-जायदाद और गहने तक बेच दिए

55,276 लोगों को मिला बीमा क्लेम

देश में कोरोना से अब तक 3.91 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें से सिर्फ 55,276 मौतों के लिए ही बीमा क्लेम किया गया. यानी कोरोना से हुई मौत के करीब 14% मामलों में ही बीमा क्लेम किया गया. ये देश में बीमा कवरेज की हालात बयां करने के लिए काफी है.

3,593 करोड़ रुपये के क्लेम सेटल

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) की सदस्य (गैर-जीवन बीमा) एल. अलामेलू का कहना है कि सभी बीमा कंपनियों के पास कोविड से मौत के कुल 55,276 क्लेम आए, इसमें से करीब 88% यानी 48,484 मामलों में 3,593 करोड़ रुपये के क्लेम को सेटल किया जा चुका है.

हेल्थ इंश्योरेंस में 15,000 करोड़ के क्लेम

वहीं दूसरी तरफ हेल्थ इंश्योरेंस कैटेगरी में 22 जून तक कंपनियों को 19.11 लाख क्लेम हासिल हुए. इसमें से करीब 80% यानी 15.39 लाख से अधिक 15,000 करोड़ रुपये के बीमा दावों का निपटारा किया जा चुका है. ये दावे मेडिकल इंश्योरेंस या हॉस्पिटलाइजेशन से जुड़े हैं.

मात्र 4% दावे हुए खारिज

हेल्थ इंश्योरेंस के मामले में मात्र 4% और जीवन बीमा के मामले में मात्र 0.66% दावे ही खारिज हुए. ये लगभग नगण्य स्थिति है.

खत्म हुई जीवनभर की बचत

अलामेलू कहती हैं कि एक तरफ देश में कोरोना से मौत के मामलों के इतने कम दावे आए. वहीं दूसरी तरफ कोरोना के इलाज में लोगों की जीवनभर की बचत खत्म हो गई, गहने, जमीन-जायदाद बिक गए. इसमें गरीबी रेखा से नीचे वाले लोग भी शामिल हैं.

ऐसे में ये दिखाता है कि देश में बीमा उत्पादों की कितनी जरूरत है. और बीमा कंपनियों के पास कितना बड़ा अवसर है.

अलामेलू का कहना है कि बीमा उद्योग और नियामक दोनों ने इस मुश्किल वक्त की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नई पॉलिसियां डिजाइन कीं. यहां तक कि पॉलिसी धारकों के लिए कुछ प्रक्रियाओं को भी आसान किया गया.

बीते साल हेल्थ और जीवन बीमा को मिलाकर इंश्योरेंस सेक्टर ने 9% की ग्रोथ दर्ज की थी, जबकि चालू वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीनों में ये 17% है.

कंपनियां बरत रही सावधानी

लेकिन जैसे-जैसे देश में कोरोना की मौतों की संख्या बढ़ रही हैं. बीमा कंपनियां नए बीमा देने को लेकर चौकन्नी हो गई हैं. वो ग्राहकों से वैक्सीन प्रमाणपत्र और मेडिकल चेक-अप जैसी जानकारियां मांग रही हैं.

 

Source:

नई दिल्ली,
25 जून 2021,
(अपडेटेड 25 जून 2021, 7:00 PM IST)

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